भागवत महापुराण | श्रीमद भागवत महापुराण का महात्मय, सप्ताह पाठ विधि। 7 दिनों का पाठ सम्पूर्ण 12 स्कन्द | सुख सागर
भागवत महापुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसे महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित किया गया था और यह मुख्यतः भगवान विष्णु एवं उनके विभिन्न अवतारों की दिव्य लीलाओं को समर्पित है। इस ग्रंथ का मूल उद्देश्य है – भक्ति मार्ग का प्रचार-प्रसार करना और जीवात्मा को मोक्ष की ओर ले जाना।
इसमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, रासलीला, उपदेशों और महान भक्तों जैसे प्रह्लाद, ध्रुव, और अजय ब्रह्मज्ञानी ऋषियों की कथाओं का गूढ़ वर्णन है। यह ग्रंथ केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाली शिक्षाओं का संकलन है।
घर, मंदिर, सत्संग या भेंट स्वरूप देने के लिए यह एक उत्तम ग्रंथ है। यह संस्करण आपके धार्मिक संग्रह को सम्पूर्णता प्रदान करेगा और आपके जीवन में भक्ति व शांति का संचार करेगा।
सम्पूर्ण 12 स्कन्द के साथ, श्री कृष्ण चरित्र आदि भगवत की सप्ताह कथा के साथ बहुत मोटी पुस्तक लगभग 650 पृष्ठ के साथ।
भागवत महापुराण जिसे श्रीमद्भागवतम् भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और प्रतिष्ठित ग्रंथ है, जिसे महर्षि वेदव्यास द्वारा रचा गया था। यह अठारह महापुराणों में से सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाला ग्रंथ है और विशेष रूप से वैष्णव संप्रदाय में इसे परम स्थान प्राप्त है। इसमें बारह स्कंध (खंड) और अठारह हज़ार से अधिक श्लोक हैं, जो भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और मोक्ष जैसे गूढ़ आध्यात्मिक विषयों को सुंदर कथाओं और संवादों के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु विशेषकर उनके आठवें अवतार श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करना है। ग्रंथ में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, विभिन्न अवतारों का वर्णन, और प्रह्लाद, ध्रुव, अम्बरीष जैसे महान भक्तों की प्रेरणादायक कथाओं के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएँ, रासलीला, और जीवन दर्शन अत्यंत भावपूर्ण ढंग से वर्णित हैं। भागवत महापुराण यह सिखाता है कि जब भक्ति को ज्ञान और त्याग के साथ जोड़ा जाए, तो जीव मोक्ष की ओर अग्रसर हो सकता है। यह ग्रंथ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय दर्शन, संस्कृति और भक्ति भावना का एक अनमोल प्रतीक भी है, जो हर युग में सत्य, प्रेम और दिव्यता का संदेश देता है।
The Bhagwat Mahapuran is one of the eighteen Mahapuranas of ancient Hindu literature and is often called the crown jewel of spiritual scriptures. Composed by Sage Ved Vyasa, this sacred text spans multiple cantos (Skandhas), narrating the cosmic stories of Lord Vishnu's incarnations and the eternal battle between righteousness and ignorance.
At its heart lies the story of Lord Krishna — from his divine birth in Mathura to his transcendental pastimes in Vrindavan — woven with profound philosophical discourses on devotion (bhakti yoga), time, creation, and liberation. The Bhagwat Mahapuran not only serves as a devotional text but also as a spiritual compass for those seeking inner peace and divine connection.
Perfect for use in temples, homes, study groups, or as a thoughtful gift, this edition brings together faith, philosophy, and storytelling in a way that resonates with the soul.